Primary Memory (Main Memory)
Primary Memory को कंप्यूटर की Main Memory भी कहते है। प्राइमरी मेमोरी केवल ऐसे Data अथवा Program को Store करती है, जिसे वर्तमान समय में CPU द्वारा प्रोसेस किया जा रहा होता है। ये मेमोरी Volatile and Non – volatile nature की होती है। volatile memory का मतलब होता है ऐसी मेमोरी जो कंप्यूटर के ON रहने तक ही डाटा को store रखता है जैसे ही कंप्यूटर OFF होता है प्राइमरी मेमोरी का डाटा डिलीट हो जाता है। प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी से तेज और महंगी होती है।
मुख्य्तः प्राइमरी मेमोरी को दो भागो में बाँटा गया है।
- RAM (Random Access Memory)
- ROM (Read Only Memory)
Random Access Memory (RAM)
RAM का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी है। यह एक हार्डवेयर डिवाइस है जो कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर स्थित होता है और सीपीयू की आंतरिक मेमोरी के रूप में कार्य करता है। यह कंप्यूटर की रीड एंड राइट मेमोरी है, जिसका अर्थ है कि इसमें जानकारी write की जा सकती है और साथ ही read भी की जा सकती है।
कंप्यूटर की performance मुख्य रूप से RAM के size या storage capacity पर depend करता है। यदि इसमें OS और सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम चलाने के लिए पर्याप्त RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) नहीं है, तो कंप्यूटर धीमा प्रदर्शन करेगा। कंप्यूटर में जितनी अधिक RAM होगी, वह उतनी ही तेजी से काम करेगा।
- डायनामिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (DRAM) या (RAM) का आविष्कार पहली बार 1968 में रॉबर्ट डेनार्ड (Robert Dennard ) ने किया था।
- अक्टूबर 1969 में, Intel ने अपना पहला DRAM, Intel 1103 introduce किया। यह पहला commercially available DRAM था।
Types of RAM
RAM दो प्रकार की होती है। 1 . DRAM 2. SRAM
DRAM (Dynamic RAM)
- DROM का पूरा नाम “Dynamic Random Access Memory” है।
- इसमें डेटा को स्टोर करने के लिए Capacitors का इस्तेमाल होता है।
- DRAM में डेटा को लंबे समय तक स्टोर करने के लिये लगातार Refreshing की आवश्यकता पड़ती है।
- DRAM चिप्स में एक्सेस का समय 50 नैनोसेकंड जितना हो सकता है। इसलिए यह SRAM से slow होता है
SRAM ( Static RAM )
- SRAM का पूरा नाम “Static Random Access Memory” है।
- इसमें डेटा को स्टोर करने के लिए Transistors का इस्तेमाल होता है।
- SRAM को बार-बार Refresh करने की आवश्यकता नही होती।
- यह एक फास्ट मेमोरी है। SRAM चिप्स में एक्सेस का समय 10 नैनोसेकंड जितना कम हो सकता है।
इसे भी पढ़े - Register Memory क्या है ? और ये कितने प्रकार की होती है ?
Read Only Memory (ROM)
ROM का पूरा नाम read only memory है यह एक non – volatile memory डिवाइस है जो सूचनाओं को permanently रूप से store करता है। इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है क्योंकि हम केवल उस पर stored प्रोग्राम और डेटा को read कर सकते हैं लेकिन उस पर write नहीं कर सकते।
ROM के manufacturing के समय ROM में प्रोग्राम को स्टोर किया जाता है। इसके बाद, ROM के content /data को बदला नहीं जा सकता है, जिसका अर्थ है कि आप बाद में content को फिर से modify ( reprogram, rewrite, और erase ) नहीं कर सकते हैं। हालाँकि, कुछ प्रकार के ROM हैं जहाँ आप डेटा को modify कर सकते हैं।
Types of ROM
RAM तीन प्रकार की होती है। 1 . PROM 2. EPROM 3. EEPROM
Programmable ROM ( P-ROM )
- PROM का पूरा नाम “Programmable Read Only Memory” है।
- यह One-Time Programmable चिप होती है।
- यह एक non – volatile memory डिवाइस है । अर्थात एक बार rom में डाटा को स्टोर करके उसे modify नहीं कर सकते।
- PROM को 1956 में Wen Tsing Chow ने invent किया था।
Erasable Programmable ROM ( EP-ROM )
- EPROM का पूरा नाम “Erasable Programmable Read Only Memory” है।
- यह PROM के similar होती है लेकिन इसे strong ultraviolet light की मदद से कई बार Reprogrammed किया जा सकता है।
- EPROM को 1971 में Dov Frobman ने invent किया था।
Electrically Erasable Programmable ROM ( EEP-ROM )
- EEPROM का पूरा नाम “Electrically Erasable Programmable Read Only Memory” है।
- यह EPROM के similar होती है लेकिन इसे इलेक्ट्रिक-चार्ज के उपयोग से Reprogrammed किया जा सकता है।
- EEPROM सबसे महंगी और advanced ROM है।
इसे भी पढ़े - Cache Memory क्या है? और ये कितने प्रकार की होती है ?