उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्ति व उनके उपनाम
- नाम : गोविन्द बल्लभ पन्त
उपनाम : हिमालय पुत्र, भारत रत्न - नाम : इन्द्रमणि बड़ोनी
उपनाम : उत्तराखंड का गाँधी - नाम : तीलू रौतेली
उपनाम : गढ़वाल की झाँसी - नाम : जिया रानी
उपनाम : कुमाऊँ की लक्ष्मीबाई - नाम : बद्रीदत्त पाण्डेय
उपनाम : कुमाऊँ केसरी, कुली बेगार आन्दोलन के नायक - नाम : देवकी नंदन पांडे
उपनाम : कुमाऊँ का गाँधी - नाम : जयानंद भारतीय
उपनाम : गढ़वाल के गांधी - नाम : हर्ष देव ओली
उपनाम : काली कुमाऊं का शेर - नाम : कुंवर सिंह नेगी
उपनाम : गढ़वाल का हातिमताई - नाम : हेमवती नंदन बहुगुणा
उपनाम : धरती पुत्र , हिम पुत्र - नाम : कल्याण सिंह रावत
उपनाम : मैती - नाम : अनुसूया प्रसाद बहुगुणा
उपनाम : गढ़ केशरी - नाम : गौरा देवी
उपनाम : चिपको वुमन - नाम : पं. हर्ष देव जोशी (हरक देव जोशी)
उपनाम : कुमाऊं का चाणक्य - नाम : गिरीश तिवारी
उपनाम : गिर्दा, जनकवि
उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्ति
श्रीदेव सुमन
जन्म : 25 मई, 1916
जन्म स्थान : जौल गांव ( टिहरी गढ़वाल )
माता पिता : श्रीमती तारा देवी , श्रीमती तारा देवी
मृत्यु : 25 जुलाई, 1944
- 23 जनवरी, 1939 को देहरादून में टिहरी राज्य प्रजा मण्डल की स्थापना हुई, जिसमें यह संयोजक मन्त्री चुने गये।
- 3 मई, 1944 से अपना ऐतिहासिक आमरण अनशन शुरु कर दिया और 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद 25 जुलाई 1944 को उनकी मृत्यु हो गयी |
- श्रीदेव सुमन टिहरी रियासत की राजशाही के विरुद्ध विद्रोह कर बलिदान देने वाले भारत के अमर स्वतन्त्रता सेनानी थे।
अनुसूया प्रसाद बहुगुणा
जन्म : 18 फरवरी 1894
जन्म स्थान : अनुसूया देवी मंदिर ( चमोली , उत्तराखंड )
शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा गांव , हाईस्कूल पौड़ी से , इलाहाबाद से बीएससी और एलएलबी
मृत्यु : 23 मार्च 1943
- 1919 में अनुसूया प्रसाद ने बैरिस्टर मुकुंदीलाल के साथ लाहौर में कांग्रेस के सम्मेलन में भाग लिया।
- 1919-20 के बीच पुरे उत्तराखंड में कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आंदोलन
- अनुसूया प्रसाद बहुगुणा को 1930 में सत्याग्रह आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सहयोग करने की बजह से जेल भी जाना पड़ा।
- उपनाम : गढ़ केशरी
Uttarakhand GK Question for State Government Exam
- उत्तराखंड का परिचय ( Introduction of Uttarakhand )
- उत्तराखंड के प्रमुख बुग्याल और चोटियां
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